"भारत में कारों का इन्वेंट्री संकट: 7.9 लाख बिना बिके वाहन, 79,000 करोड़ रुपये की अटकी हुई पूंजी"

 भारत में ऑटोमोबाइल इन्वेंट्री संकट: 7.9 लाख कारें बिना बिके, क्या है इसका कारण?

नमस्कार दोस्तों, अभी दिवाली ऑफर खत्म हो गया है. लेकिन जितना कंपनी ने उम्मीद लगाई थी कि हमारा इतना यूनिट्स तक गाड़ियों की बिक्री होगी, उतनी नहीं हुई जिसके कारण लगभग 7.9 लाख गाड़ी बच गई है जो बहुत ज्यादा है, इसके कारण कई सारे डीलर को वित्तीय संकट को सहना पड़ेगा. तो चलिए हम इसके बारे में बात करते है ऐसा क्यों हुआ.
  • मांग को देखते हुए: ऑटोमोबाइल कंपनियों ने गाड़ियों के मांग को बढ़ते हुए देख रहे थे. जिसके कारण  गाड़ी का उत्पादन बढ़ाने लगे,लेकिन उनकी उम्मीद जितनी थी उतनी गाड़ी की बिक्री नहीं हुई.
  • ग्राहक की आर्थिक स्थिति: लोग अपने आर्थिक स्थिति को देखते हुए, वो नई कारों के जगह पुरानी कार को खरीदना पसंद कर रहे है.
  • आने वाली कारों का इंतेज़ार: बहुत सारे लोग आने वाली कारों का इंतेज़ार कर रहे है, क्योंकि उन्हें मॉडर्न फीचर्स चाहिए, जो कि पुराने कारों में नहीं मिलेगा, उसी को देखते हुए सभी कंपनी  कारों का फेसलिफ्ट लाती है, ताकि लोग मॉडर्न फीचर्स को देखते हुए इन सभी कारों को खरीद पाए.
भारत में कारों का इन्वेंट्री संकट: 7.9 लाख बिना बिके वाहन, 79,000 करोड़ रुपये की अटकी हुई पूंजी"


इसके अभी और भी कारण है लेकिन ये तीन मुख्य कारण है, जिसके वजह से लगभग भारत में 7.9 लाख गाड़ियों की बिक्री नहीं हुई है, लेकिन कोई भी बात नहीं है ये सभी कार को मोडिफाइड करके और ऑफर लगा के बीच देगे, या इनका नाम बदलकर फिर से मार्केट में लॉन्च किया जाएगा, अगर नहीं बिक्री हुई तो.
इससे सिख मिलती है कि हमें उम्मीद भी कर रहे है तो हमे सभी चीजों को देखते हुए उम्मीद लगाना, चाहिए अगर सभी लोग बजट, अपकमिंग कार और कई सारे सिचुएशन को देखते हुए अनुमान लगाया जाना चाहिए था, क्योंकि भारत में आपको बहुत सारे लोग आर्थिक स्थिति से जूझ रहे है, तो वो कार को कहा से खरीद पाएंगे, और जिनके पास पैसा भी है, तो वो नया और मॉडर्न डिजाइन और फीचर्स को देख रहे है.

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